हलकी सी ही सही राहत मिली मुझे,
गर्दिश में जब हों हमारे सितारे,
आँख से आँख मिलाकर जियो प्यारे
लोग बुरे दिनों को याद ज़रूर दिलाएं
मगर आप इन सब से न मुँह मोड़ें
ग़म न कर किसीका जब खुद हादसों से गुज़रे
डट के रहना निडर होकर नज़रें मिलाना
के मौत से ज्यादा क्या गनीमत है और होना ?
~ फ़िज़ा
1 comment:
Kya baat
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