दोस्ती


 

दोस्ती क्या होती है कभी सोचा है?

रोज़ न मिलें फिर भी स्नेह हो!

रोज़ बातें न हों मगर विश्वास हो !

दोस्ती में सिर्फ एक नियम होता है~ 

प्यार और विश्वास बरकरार रहे !

ज़िन्दगी लंबी नहीं मगर अच्छी हो !

दोस्तों का साथ अपनों का साथ!

ख़ुशी के चार बोल सहानुभूति से भरे !

जीने को और सुखद बना दें दोस्त !

किसी ने सच कहा है -

'दुनिया हसीनों का मेला,

मेले में ये दिल अकेला !

एक दोस्त ढूंढ़ता हूँ मैं दोस्ती के लिए !'

~ फ़िज़ा 

Comments

yashoda Agrawal said…
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में शनिवार 12 जुलाई 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
सुन्दर
Onkar said…
बहुत सुंदर
Bharti Das said…
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
Dawn said…
@Yashodha Agarwal ji aapka behad shukriya meri rachna ko is shrinkhala mein shamil karne ke liye.
Dawn said…
@Harish Kumar ji, Sushil Kumar Joshi ji, Onkar ji, Bharti Das ji, aap sabhi ka shukriya meri rachna ko sarahne aur mera housla badhane ke liye, abhar!

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