ज़िन्दगी !!!
ज़िन्दगी जो सालों में न सीखा सकी
वो दो साल में सब सीखा गयी
जीना-मरना तो हर किसी को है
मगर कैसे जीना है ये बता गयी !
ज़िन्दगी फूल है खिलकर बिखरना
खिलना अपने दम पे मरना शान से
खुशबु सबकी अलग है भूलना नहीं
मुकाबला करना कभी तो वो खुद से!
ज़िन्दगी एक रेल है चलना है काम
स्टेशन आये तो रुक जाना है और
मुश्किलें आये तो सिटी बजाना है
मदत मांगने से कभी डरना नहीं है !
ज़िन्दगी एक आइसक्रीम है मीठी
जिसे खाकर ख़त्म करे दुगना मज़ा
मगर पिघल जाये तो क्या जिया
छोटी सी सही मिठास देकर जाना !
~ फ़िज़ा
Comments
सादर
Abhar!