Tuesday, March 07, 2023

बुरा न मानों होली है !!!!

 

सवेरे-सवेरे मीटिंग में जब सुना 

कल छुट्टी है क्यूंकि होली है 

मन ही मन होली के गुब्बारे 

रंगों से भरे दिल में फोड़ आये 

मैंने कहा खुद ही से अरे ,

बुरा न मानों होली है !!!!

~ फ़िज़ा 

2 comments:

Onkar said...

बेहतरीन प्रविष्टि

शिवम कुमार पाण्डेय said...

वाह।

करो न भेदभाव हो स्त्री या पुरुष !

  ज़िन्दगी की रीत कुछ यूँ है  असंतुलन ही इसकी नींव है ! लड़कियाँ आगे हों पढ़ाई में  भेदभाव उनके संग ज्यादा रहे ! बिना सहायता जान लड़ायें खेल में...