चैरिटी का नाम कुछ इस तरह
इस्तेमाल करते हैं हर जगह
मानों कोई एहसान जिस तरह
मदत की उम्मीद करते है कभी
दिलदार समझ कर ही आते हैं
देने वाले का गुरुर जब देखते है
चैरिटी का ओढ़ा चादर उससे
निकलकर नंगा कर देता है
कभी पैसा अँधा करता है
हर कहीं पैसे का शोशा है
अमीर गरीब का खेला है !
~ फ़िज़ा
No comments:
Post a Comment