Saturday, April 21, 2018

जो भी देना स्वार्थरहित करना ...!




प्यासे को पानी और भूखे को खाना
हर किसी की ज़रुरत,आये हैं तो जीना
यहाँ क्या तेरा या मेरा करना
जब सबको एक ही तरह है जीना
किसी का नसीब ज़रुरत से ज्यादा मिलना
किसी को ज़रुरत से भी कम संभालना
अहंकार के लिए नहीं है कोई ठिकाना
बस थोड़ी मदत कर प्यार निभाना
चाहे जिस तरह भो हो सेवा करना
अपने हिस्से का दान ज़रूर तुम करना
जो भी देना स्वार्थरहित करना
नाम और प्रसिद्धि के लिए कुछ मत करना
व्यर्थ का है दान-पुण्य का काम वर्ना !
~ फ़िज़ा 
#happypoetrymonth

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