जिंदगी बहुत अनमोल है......!
जिंदगी में ईंसान बहुत कुछ सिखता है...अपने घर से...अपने पाठशाला में अधयापिकाओं से...अनया छातराओं से....किसी न किसी की जीवनी से...तो कभी आस पास की चीजों से...इन सब से बडकर जो अधयाय ऐक ईंसान....ऐक बालक या बालिका सिखती है वो है अपने ऐक मातर घर और परिवार से!!!
अकसर पढा है मैंने कि ऐक छातरा की पेहली पाठशाला और अधयाय उसकी माँ होती है....किंतु मेरे जीवन में मेरी माँ का हाथ तो बहुत बडा है मुझे ऐक औरत बनने में किंतु मेरे पिता का जो योगदान है वो बहुत बडा है...! उनहोंने, मुझे जिंदगी की कडवी सचचाईयों से उन दिनों से ही परिचय करवाना शुरु कर दिया था ....जब मैं अपनी दुनिया और जिंदगी को सिरफ अपने परिवार के इरद गिरद ही पाती थी मैं तो अनजान थी के...ऐसे भी कोई पल होंगे जहाँ हम अपने माता पिता, भाई बहन से दुर होंगे...कभी अपनी दुनिया केहने में उन लोगों का सिरफ साया होगा....साथ न होगा...!!!
ऐसे अनजाने बचपन में पिताजी के मुहावरें....बहुत गेहरे असर छोड जाती थीं....मन अकसर सोच में पड जाता और उन मुहावरों को हकीकत का रुप देकर उसे देखने और परखने की कोशिश किया करती थीं......
दुनिया में सभी अकेले हैं
इसिलिऐ अकेले होने का गम न कर
साकी अपनी जिंदगी खुद जीनी है
तु किसी साथी की तलाश ना कर
दिल बडा नादान है
जानता नहीं कया माँगता है
समझदारी इसी में है
के दिल को मना लेना है
वरना ये ऐक बहाना है
बेसबब दुख उठाना है
परेशानियों में जीना है
और मर कर भी जीना है!!!!
जिंदगी बहुत अनमोल है
तुम कया जानो कया मोल है
अचछे अचछों से पुछिऐ
जिसने काटे हैं रात भी धुप में!!!!!
~फिजा
अकसर पढा है मैंने कि ऐक छातरा की पेहली पाठशाला और अधयाय उसकी माँ होती है....किंतु मेरे जीवन में मेरी माँ का हाथ तो बहुत बडा है मुझे ऐक औरत बनने में किंतु मेरे पिता का जो योगदान है वो बहुत बडा है...! उनहोंने, मुझे जिंदगी की कडवी सचचाईयों से उन दिनों से ही परिचय करवाना शुरु कर दिया था ....जब मैं अपनी दुनिया और जिंदगी को सिरफ अपने परिवार के इरद गिरद ही पाती थी मैं तो अनजान थी के...ऐसे भी कोई पल होंगे जहाँ हम अपने माता पिता, भाई बहन से दुर होंगे...कभी अपनी दुनिया केहने में उन लोगों का सिरफ साया होगा....साथ न होगा...!!!
ऐसे अनजाने बचपन में पिताजी के मुहावरें....बहुत गेहरे असर छोड जाती थीं....मन अकसर सोच में पड जाता और उन मुहावरों को हकीकत का रुप देकर उसे देखने और परखने की कोशिश किया करती थीं......
दुनिया में सभी अकेले हैं
इसिलिऐ अकेले होने का गम न कर
साकी अपनी जिंदगी खुद जीनी है
तु किसी साथी की तलाश ना कर
दिल बडा नादान है
जानता नहीं कया माँगता है
समझदारी इसी में है
के दिल को मना लेना है
वरना ये ऐक बहाना है
बेसबब दुख उठाना है
परेशानियों में जीना है
और मर कर भी जीना है!!!!
जिंदगी बहुत अनमोल है
तुम कया जानो कया मोल है
अचछे अचछों से पुछिऐ
जिसने काटे हैं रात भी धुप में!!!!!
~फिजा
Comments
Shubhkamnaon sahit.
खुश रहें
bahut khubsurat hain :-))
u are motivating me to come with a hindi blog
bt writing in this script will take a lot of time ;-)
Beautiful Blog :-))
Hamari dawn ne ek naya blog bana lia aur hamay khabar bhi na howi...grrrrrrr....aur woh bhi aesa k hamay ek lafz tak na samjh ayee...double grrrr..
:))
Chalo mauf kia...logon k comments zindabad..ooshi se predict kia k u have shown a great start :) Keep rockin..and providing me all the translations.. is a deal ..Okie? :P :)
केहते हैं देर आऐ दुरुसत आऐ...:D
वैसे इंतजार किस बात का....शुरु करें ना बलोग
चियरस ;)
@gumnaaaam: dear welcome to this sehar..:) aap kyun guurrrra rahi hain... u probably hv all my poetries..:)...try to figure out which ones am posting out the ones tht u have :D...
cheers
@nagu:दोसत, बहुत बहुत शुकरीया सराहने का...इसी तरह हौसला बढाईऐगा आगे भी...आते रहें..:)
धनयवाद हौसलाफजाई का...
खुश रहें सदा