Zindagi ki khushi
Kisi ko
Uske jeene mein hai,
To kisi ko uske sangharsh,
To oos sangharsh se oobharna,
To kisi ko oos par kamaana !
Har koi apni zindagi jee raha hai,
Apni khushi ke saamaan
Ki khoj !!
~ fiza
ऐसा था कभी अपने थे सभी, हसींन लम्हें खुशियों का जहाँ ! राह में मिलीं कुछ तारिखियाँ, पलकों में नमीं आँखों में धुआँ !! एक आस बंधी हैं, दिल को है यकीन एक रोज़ तो होगी सेहर यहाँ !
कल रात बड़ी गहरी गुफ्तगू रही ज़िन्दगी क्या है? क्या कुछ करना है देखा जाए तो खाना, मौज करना है फिर कहाँ कैसे गुमराह हो गए सब क्या ऐसे ही जी...
2 comments:
सुंदर पंक्तियाँ।
Nitish ji aapka bahut bahut shukriya 🙏
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