मेरा इंद्रधनुष
होली के ऐसे पावन अवसर पर, बचपन बडा याद आता है । पेहले ये सोचकर मन बेहला लेती थी कि अब होली
खेलने नहीं मिलता शायद इस वजह से मन रेह-रेह कर बिते दिनों की याद दिलाता है, किंतु बात ये है कि बचपन पीछा नहीं छोडता...वक्त इस कदर बदल गया है कि
शायद ही वो परंपरा अब तक जिंदा रखी गई हो। एक छोटी सी साधारण सी कविता जिंदगी के रंगों को दर्शाती हुई....
दूर गगन की छाँव में
बादलों के गाँव में
तुम को देखा इंद्रधनुष सा
यादों की तरह वो भी आऐ
कुछ पल रेह कर खुश कर गऐ
यादें ही बन गऐ हैं सहारे
कुछ भी हों, ये हैं जीने के बहाने
~ फिजा़
खेलने नहीं मिलता शायद इस वजह से मन रेह-रेह कर बिते दिनों की याद दिलाता है, किंतु बात ये है कि बचपन पीछा नहीं छोडता...वक्त इस कदर बदल गया है कि
शायद ही वो परंपरा अब तक जिंदा रखी गई हो। एक छोटी सी साधारण सी कविता जिंदगी के रंगों को दर्शाती हुई....
दूर गगन की छाँव में
बादलों के गाँव में
तुम को देखा इंद्रधनुष सा
यादों की तरह वो भी आऐ
कुछ पल रेह कर खुश कर गऐ
यादें ही बन गऐ हैं सहारे
कुछ भी हों, ये हैं जीने के बहाने
~ फिजा़
Comments
chalo koi baat nahi...
jeevan me rang to kisi bhi smaya ache lagte hain...
kavitri mohadoya, holi mubarak ho
bahut hi sundar kavita hai...
uss par aapne usse hindi mein type kiya...
Dil gad gad ho gaya...
Yaadon se rang churaake kwaabon mein chupaa lenaa
Har naye din ko phir usi khaabon se sajaa lenaa
:)
cheers
born_in_the_woods: aapka seher per swagat hai...aapka bahut bahut shukriya meri houslafzayee karne ka aur iss nacheez ki kavita ko pasand farmane ka...umeed hai aage bhi aate rahenge :)
cheers
kaunquest:wah! holi mubarak aapko bhi bahut bahut....rang to hain hee jeene ke bahane..phir rangon se bhari khawaab kaun na dekhe har pal :)
shukriya janab ka :)
cheers
nagu: meri kavita pasand karne ka bahut bahut shukriya Nagu ji...aapke houslafzayee se aur bhi kuch kavitaon ke rang yahan chidakne ka mann karta hai...:) khush rahein hamesha
cheers