अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से !
गुज़रते वक़्त से सीखा है गुज़रे हुए पल, और लोग वो फिर नहीं आते ! मतलबी या खुदगर्ज़ी हो एक बार समझ आ जाए उनका साथ फिर नहीं देते ! पास न हों पर अच्छे हों बात रोज़ न हों पर सच्चे हों ऐसों को हमेशा साथ रखें ! हर कोई जूझ रहा ज़िन्दगी में टेढ़े मुह बात भी करे तुमसे सहानुभूति रखें सभी से ! ज़िन्दगी सिर्फ चार पल की अहंकार में खोना न सच्चे रिश्ते अच्छी यादें दे जाओ ख़ुशी से ! ~ फ़िज़ा