वक्त के संग बदलना चाहता हूँ !
मैं तो इस पल का राही हूँ इस पल के बाद कहीं और ! एक मेरा वक़्त है आता जब जकड लेता हूँ उस पल को ! कौन केहता है ये पल मेरा नहीं मुझे इस पल को जानना है ! नया दौर नयी दिशा सही है मगर वक्त के संग बदलना चाहता हूँ ! इस पल से इस पल के लोगों से मैं मिलकर राह बढ़ाना चाहता हूँ ! तुम मुझे अपना सको तो जानूँ दोस्त मैं हारने वालों में से तो हूँ ही नहीं !!! ~ फ़िज़ा