मुझे घुटन हो रही है ..!
मुझे घुटन हो रही है मैं सांस नहीं ले पा रहा हूँ मुझे तकलीफ हो रही है ! ये सुनकर भी ऐसा क्या घृणा और ग़ुस्सा होगा उस इंसान में जो के अपने घुटने उसके गले से बिना हटाए ज़ोर लगता रहा तब तक जब तक उसकी सांसें ख़त्म नहीं होतीं ! मुझे घुटन हो रही है ये सब देखकर किस ज़माने में हूँ मैं ! कहाँ पुरातन काल में सुना था बुज़र्गों से तो इतिहास की कक्षा में और ये उम्मीद थी के कलयुग में सब कुछ अच्छा होगा न्याय होगा भेदभाव न होगा जाती-धर्म का बंधन घर तक सिमित होगा पर किसी के साथ अन्याय न होगा आज मुझे घुटन हो रही है ये किस ओर मानव-जाती बढ़ रही है क्यों एक दूसरे के खून के प्यासे हो चली है ! मेरा दम घुटता है ये सोचकर के #गेओर्गेफ्लॉयड की सांस घोटकर उसकी जान ले ली और कानून के रक्षक ये सब कर रहे थे और...