Thursday, April 02, 2020

करोना मेरी किस्मत


उसको मैं तकता रहा यूँही 
लगा सालों बीत गए यूँही 
दिल के अरमान रहे जवां 
बस ख्यालों में जुड़ा रहा 
हर पल रहा उसके संग 
उठता-बैठता ख्यालों में 
एक पल भी न रहा दूर 
फिर ख़याल आया मुझे 
क्यों न प्रोपोज़ ही करदूँ 
यही सोचते-सोचते मैंने 
बात उससे करने की ठानी 
बस इसी ख़याल में था मैं 
के कोरोना ने मेरा ये सपना 
साकार होने से रोक दिया 
अब न वो दिखती है मुझे  
और न ही उसकी वो चमक 
क्यूंकि हरदम वो उस मुये 
मास्क से चिपकी रहती है ! 

~ फ़िज़ा  

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