मेरे ख्वाब, मेरी सोच,
मेरे बोल, मेरे ख्याल ,
सभी कुछ जेहन में मेरे ,
यूँ सजकर संवरकर हैं,
वो प्रेम हो या क्रोध,
एहसास हो या भावना,
कविता हो या गद्य या
हो कहानियाँ दिल में
सभी आते हैं हिंदी में
आत्मविश्वास जगाता
हिन्दी भाषा है वो दाता
मधुर, सरल, सहज है
बोलने, समझने में है
बदलती सबकी काया !
~ फ़िज़ा
हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं !
No comments:
Post a Comment