Posts

Showing posts from October, 2016

जय हिन्द सेनानियों

Image
सुख हो या दुःख हो  मातम हो या हर्षोउल्लास  एक सिपाही अपने ही  सीमा में और पोशाक में  रहता है और सुरक्षा देता है  काश हम सब भी ऐसा ही  अपने घर में और संसार में  एक ही किरदार इंसानियत का  निभा सकते !?! सोचती हूँ तो दर्द बढ़ता है  तुम्हारे और तुम्हारे परिवार का  हर बलिदान सर आँखों पर  हर ख़ुशी और सुखों के पल  तुम सभी का ऋणी है हर पल  कह न सके या सुन न सके तो  दिल की दुआ दिल से यही है  हमारी ख़ुशी के दो पल आपको  दुःख के दो पल हमको !?! जय हिन्द सेनानियों  तुम इंसान से परे हो  तभी तो फौलादों की तरह  सीमा पर खड़े रहते हो  चट्टानों से लड़कर भी  हमें उसकी आंच से बचाते हो  काश हम भी ज़िन्दगी की  बड़ी हक़ीक़त को जानकर  तुम सा बन पाते !?! इस साल की दिवाली के दीये  तुम्हारे नाम जलाएं चलो साथी  दुआओं में तुम्हारी सलामती  सर्व-संपन्न रहे परिवार तुम्हारा  एक वो पल आये जीवन में तुम्हारे  ...

मुझे दिवाली की शुभकामनाएं चाहिए तुमसे!!!

Image
कुछ रिश्ते नब्ज़ की तरह गहरे  सांस की तरह छिपे नज़र आते हैं  दोस्ती की ये नब्ज़ सिर्फ समझ है  न किसी नाम और किरदार में  वक़्त पड़ने पर हाज़िर होना और  खुशियों में दुआएं देना यही तो था ? शायद इन्ही वजह से वो नब्ज़ की तरह  गहराई में जा बैठा और फिर  एक हौसला सा रह गया कहीं दिल में  के कोई हो न हो मेरा ये दोस्त हमेशा है  साथ मेरे जो करे सभी का भला  ज़मीन से जुड़ा ये शख्स ले आये  जान अपनी ज़िन्दगी में फिर एक बार  पुकारते हैं तुम्हें - चले भी आओ निद्रा से बहुत हुआ आराम अब उठो मिलो सभी से  मुझे दिवाली की शुभकामनाएं चाहिए तुमसे !!! ~ फ़िज़ा 

उसकी एक झलक ही सही ...!

Image
उसकी एक झलक ही सही  चाहे फिर वो हो वर्धमान  या वो हो पूर्णचंद्र बेईमान  दिल से भी और नज़र से भी  झलकते हैं मेरे अरमान  खुश हूँ मैं इसी ख़याल में  वो है और मैं हूँ एक दूसरे के लिए  ज़माना कब किस वक़्त मुकर जाये  नहीं है इसका इल्म अभी नादान ज़िन्दगी रही न रही सही कभी  जब भी उठाऊँगी नज़र अपनी  रहेगा वो हमेशा चमकता -दमकता  आस देता हुआ बढ़ता मेरा हौसला  रहे यहाँ जहाँ है आसमान !!! ~ फ़िज़ा  

जैसी करनी वैसी भरनी ...!

Image
जैसी करनी वैसी भरनी  सुनी और पढ़ी थी हमने  मिली सीख बहुतों से ज्ञानी  लेकिन जो न सीखे औरों से  पड़ती है उन्हें मुंह की खानी  औरों की ग़लतियों से न सीखे  सीखे खुद ग़लती करके हम विज्ञानी  जैसे हमने की होशियारी  वही हमको मिली सजा दीवानी  खुद ग़लत कर बैठे आज सोचने  सही कहा था जिसने भी कहा था  जैसी करनी वैसी भरनी  ~ फ़िज़ा