ख़ुशी

ज़िन्दगी के मायने कुछ यूँ समझ आये 

अपने जो भी थे सब पराये  नज़र आये


सफर ही में हैं और रास्ते कुछ ऐसे आये 

रास्ते में हर किसी को मनाना नहीं आया 


कुछ पल ही सही हम सब जहाँ में आये 

सिर्फ दूसरों को मनाने खुश करते रह गये 


वक़्त के संग कुछ तज़ुर्बे ज़िन्दगी में आये 

वक़्त ज़ाया न करो इन में ये समझ आये


जिसका होना है वो हर हाल में हो जाये 

दोस्त इन चोचलों के झांसे में क्यों आये? 


ज़िन्दगी कई मौके दे -दे कर यूँ समझाये 

खुद की ख़ुशी की खुदखुशी न हो जाये 


~ फ़िज़ा 

 

Comments

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आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 24 मई 2022 को साझा की गयी है....
पाँच लिंकों का आनन्द पर
आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वक़्त के संग कुछ तज़ुर्बे ज़िन्दगी में आये
वक़्त ज़ाया न करो इन में ये समझ आये

–सहमत
सच्ची भावाभिव्यक्ति
Jyoti Dehliwal said…
सुंदर प्रस्तुति।
Dawn said…
AAp sabhi ka bahut shukriya, dhanyavaad

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