देखो न छूना न मुझे यूँही तुम
देखो न छूना न मुझे यूँही तुम कहीं प्यार के बहाने दे न दो मुझे कुछ तोहफे में वायरस जो मुझे रखे दूर तुम से भी और मेरे सभी अपनों से भी मैं भी खो दूँगी मेरा सवेरा मेरा आसमान ज़मीन साया खुदा आज़ादी कारण्टीन से कहीं आजीवन बंदी न बना दे हुज़ूर मेरे तस्सवुर की कसम है मुझे ख़यालों में चाहो दिल में मगर छुओना इस कदर के मैं रहूं दूर इस जहाँ से भी और जाऊ यूँही बिना वजह हुज़ूर ! ~ फ़िज़ा