जाग इंसान क्यों दीवाना बना ...!
सुना था जानवर से इंसान बना मगर हरकतों से जानवर ही रहा ! इंसान बनकर कुछ अकल्मन्द बना मगर जात -पात में घिरा रहा ! वक़्त बे-वक़्त इंसान ज़रुरत बना वहीं इंसान के जान का प्यासा रहा ! इंसान शक्तिशाली बलिष्ट बना वहीं जानवर से भी नीचे जा रहा ! समय कुछ इस तरह है अब बना जानवर से सीखना यही उपाय रहा ! यही तो आदिमानव से इंसान बना फिर क्यों भूतकाल में बस रहा? जाग इंसान क्यों दीवाना बना वक़त सींचने का जब आ रहा ! ~ फ़िज़ा