भयादोहन !
उसने सोचा नहीं था ग़लती से पैर रखा था निकालने से पहले उसने नीचे खींच लिया था सोचने में उसे अपनी ग़लती लगी! जिसका फायदा उसने भी उठा लिया था हर बात पर धमकाना हर तरह का डर बसा देना जब तंग आकर निडर हुई तो और बातों से डराना साल गुज़र गए लगा जैसे ज़िन्दगी फँस सी गयी जो भी हुआ आज सांस लेने में खुलासा हुआ ! ~ फ़िज़ा