दूसरों के फटेहाल का आनदं ही कुछ और है !
दुनिया में लोगों के पास वक़्त ही नहीं औरों के झमेलों में जाने जाया कितना किया ! तमाशा कोई कितना करे या न करे मगर दुनिया औरों के तमाशे में मज़े खूब लेती है ! अपनी तो हालत है ही निराशाजनक किंतु दूसरों के फटेहाल का आनदं ही कुछ और है ! कितना हँसोगे औरों के ग़म में यारा तुम दो आंसूं अपने लिए भी बचाके रखना ! कहते हैं वो औरों से सब जानते हैं हाल हमारा 'फ़िज़ा' को भी पता चले कौन है वो हमारा? ~ फ़िज़ा