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Showing posts from September, 2017

अभिव्यक्ति की स्वंतंत्रता हक़ है हर एक का !!

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हैवानियत पर उतर आये लोग  जब किसीने दिखाया आईना आईना था ही इतना भयंकर  खुद भी न देख सके चेहरा  प्रतिरूप देख कर सिर्फ  हत्या ही बन पड़ा उनसे ! कब तक करोगे बंद आवाज़  कब तक करोगे हातपाई  कब तक करोगे गुंडागर्दी  आखिर कब तक ये सहेंगे भी  एक से बढ़कर एक आवाज़  पैदा होगी जनतंत्र में कई यहाँ ! हर दबायी आवाज़ को बुलंद कर  जहाँ आवाज़ को खामोश किया  वहां कलम से तू काम कर, प्रहार कर   निडर निर्मोही कर निर्लज अन्याय का  प्रजातंत्र को न मायूस कर यूँ हैवान   एक आवाज़ को दबाने वाले प्राणी ! सौ खड़े हो जायेंगे बनकर वही आवाज़  तर्कसंगत से बनेगा एक स्वच्छ समाज  अभिव्यक्ति की स्वंतंत्रता हक़ है हर एक का !!       ~ फ़िज़ा 

प्रेम-सागर का मंथन पाया !!!

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दिल को वीरान रखा  शरीफों सा रहना सीखा  जैसा ज़माना कहता है  वैसा रेहन -सेहन रखा ! सोचा कोई रखे न रखे   ज़िन्दगी को दाव पे रखें  सेवा में जीवन को परखें   औरों की ख़ुशी में सुख देखें !! निष्कलंक मन से की सेवा  सुख के रूप में पाया मेवा  वीरान दिल में था बस लावा  प्रेम-सागर का मंथन पाया !!!  ~ फ़िज़ा