वो राहगिर जगह-जगह घूम आयेगा
कभी-कभी प्यार इंसान को उस ऊँचाई तक ले जाती है
जब वो अपने दायरे को लाँघ कर आगे निकल जाती है
फिर वो किसी एक की नहीं रेह जाती....
रोज़मरे की बातों से हटकर कुछ गुलाबी एहसासों को
पिरोने की एकमात्र कोशिश है....
आप की राय की मुंतजि़र
तुम्हारे प्यार के बरसात की एक बूँद
समेट लिया है मैंने मेरे आँचल में
आज एक बीज बनकर ही सही
कल एक कँवल बन के खिलेगा
अपनी खुशियों की दास्तान
वो सुनायेगा सभी को
दिलाकर एहसास हमारे प्यार का
वो राहगिर जगह-जगह घूम आयेगा
~फिजा़
जब वो अपने दायरे को लाँघ कर आगे निकल जाती है
फिर वो किसी एक की नहीं रेह जाती....
रोज़मरे की बातों से हटकर कुछ गुलाबी एहसासों को
पिरोने की एकमात्र कोशिश है....
आप की राय की मुंतजि़र
तुम्हारे प्यार के बरसात की एक बूँद
समेट लिया है मैंने मेरे आँचल में
आज एक बीज बनकर ही सही
कल एक कँवल बन के खिलेगा
अपनी खुशियों की दास्तान
वो सुनायेगा सभी को
दिलाकर एहसास हमारे प्यार का
वो राहगिर जगह-जगह घूम आयेगा
~फिजा़
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