समाज के ठेकेदार
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किसी की अफवाह को हकीकत बनाने लगे गुनेहगार होकर भी उंगली उस पर उठाने लगे ! ये देख मौके का फायदा हर कोई उठाने लगे जो कभी हुआ नहीं कहानी बनाकर जोड़ने लगे ! समाज के ठेकेदार बनकर औरों को दबाने लगे गुनेहगार होकर भी औरों पर लांछन लगाने लगे ! अपनी छोड़ किस हक़ से ये फिक्रमंद होने लगे भला तो किया नहीं कभी बदनाम बहुत करने लगे ! ~ फ़िज़ा