अस्पताल
अस्पताल एक ऐसी जगह जहाँ जीवन पलता है जीवन खेलता बेहलता ख़ुशी देता है उम्मीद से भरी आशायें रोशन होती है ! अस्पताल जहाँ जीवन-मृत्यु का तांडव भी है कभी इस पार निकल आते भी हैं तो कभी सिर्फ खाली हाथ लौटना है ! अस्पताल कभी सिर्फ एक पेशा कभी एक फ़र्ज़ है इंसान ही है जो ग़लत भी हो सकता है मरीज़ मेहज़ एक मेहमान जिसे जाना है ! अस्पताल कभी खुशियों के किस्से सुनाये जाते है कभी ख़ुशी-ख़ुशी कोई घर लौटता है तो कभी कोई जाकर लौटता ही नहीं ! पुष्पलता को मेरी श्रद्धांजलि !!! ~ फ़िज़ा