ज़िन्दगी का एकमात्र फार्मूला
आशा जानती थी हमेशा से ज़िन्दगी का एकमात्र फार्मूला अकेले आना और अकेले जाना रीत यही उसने पहले से हैं जाना मगर होते-होते वक्त लग गया माता-पिता बहिन-भाई-सहेली वक्त इन्हें साथ ले चलता गया धीरे-धीरे सखियाँ और घरवाले सभी अपनी-अपनी जगह ठहरे और उसे जीवन साथी मिल गया चलते-चलते वक़्त याद दिलाता अकेले आना और अकेले जाना है मगर तब भीड़ की आदत पड़ गयी तब तक ज़िन्दगी अकेली पड़ गयी ! ~ फ़िज़ा